Mahashivratri हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है, जो भगवान शिव की पूजा और आराधना को समर्पित है। महा शिवरात्रि का पर्व दो महत्वपूर्ण कारणों से मनाया जाता है. कहा जाता हैं कि इस तिथि पर महादेव ने अपने वैराग्य जीवन को छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किये थे. और इसी दिन रात में भगवान शिव जी और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे. शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में था. महाशिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग 64 अलग अलग जगहों पर प्रकट हुए थे. ये दिन उनके बलिदान एवं तपस्या को याद करने के लिए भी महत्वपूर्ण है मान्यता है इस दिन शिव पूजा करने से समस्त संकट दूर हो जाते हैं.
Mahashivratri 2024: तिथि और मुहूर्त
इस बार 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जायेगा. ये त्यौहार हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है इस दिन सुबह से लेकर रात तक जागरण कर शिव पूजा का विधान है. दक्षिण भारतीय पञ्चाङ्ग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महा शिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है. उत्तर भारतीय पञ्चाङ्ग के अनुसार, फाल्गुन माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है.
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – मार्च – 09:57 अपराह्न (8 मार्च 2024)
चतुर्दशी तिथि समाप्त – मार्च – 06:17 अपराह्न (9 मार्च 2024)
शिवरात्रि की पूजा रात में होती है इसलिए इसमें उदयातिथि देखना जरुरी नहीं है.
जाप मंत्र
- ॐ नमः शिवाय..!!
- ॐ त्रयम्भकं यजामहे सुगन्धिम् पुष्टि वर्धनम् उर्वा रुक्मिव बन्धनान् मृत्योर् मुक्षीय मामृतात्..!!
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का जाप मंत्र है “ॐ नमः शिवाय” (ओम नमः शिवाय)। ये मंत्र भगवान शिव के परमेश्वर स्वरूप को समर्पित करता है और उनकी अनंत शक्ति को प्राप्त करने में मदद करता है। भगवान शिव जी के मंत्र का जाप करके व्यक्ति अपने मन, वचन, और कर्मों को पवित्रता और शक्ति से भर देता है। महाशिवरात्री पर इस मंत्र का जाप करके व्यक्ति अपने आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होता है।
Mahashivratri पर कैसे करें शिव जी की पूजा
इस पावन दिन पर, भक्त सुबह उठते हैं और सबसे पहले पवित्र स्नान करते हैं और खुद को अच्छी तरह से साफ करते हैं। उनके घर विशेषकर पूजा कक्ष को साफ करते है। लोग सबसे पहले अपने पूजा कक्ष में दीप जलाते हैं और पूरे मन और श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा करते हैं। वे मंदिर भी जाते हैं और जलाभिषेक करते हैं और फिर शिव लिंगम को पंचामृत चढ़ाते हैं और पंचामृत पांच चीजों का मिश्रण होता है – दूध, दही, शहद, बेल पत्र और घी। वे अपनी इच्छा के अनुसार मिश्रण को पूरी तरह या अलग-अलग मिलाते हैं और फिर अभिषेक करते हैं। उसके बाद शिव जी में ध्यान मग्न होकर उनका मंत्र “ओम नमः शिवाय” का जाप भी करते है सभी जगहों पर कुछ कुछ घरो, गावों व् मंदिरों में पूरी रात जागरण भी होता है जिसमे लोग शिव जी की पूजा करते है भजन गाते है और उनके नाम का जाप करते है ये एक विशेष दिन है, इसलिए शुद्ध भावना और श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
महाशिवरात्री का महत्व
महाशिवरात्री का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये भगवान शिव को समर्पित एक विशेष दिन है। कुछ महत्वपूर्ण कारण इसमें शामिल हैं:
- भगवान शिव की पूजा :
यह दिन भगवान शिव की पूजा और आराधना का विशेष दिन है। इस दिन उनकी आराधना करके व्यक्ति उनकी कृपा और अनुग्रह को प्राप्त करते हैं। और इस दिन भगवान शिव की पूजा, व्रत, मंत्र जाप और जागरण की जाती है।
- तपस्या और वैराग्य :
भगवान शिव का त्योहार होने के कारण लोग इस दिन तपस्या और वैराग्य को महत्व देते हैं। उनकी तपस्या और त्याग की महिमा को याद करके, लोग अपने जीवन में समर्पण और नियम को अधिक मूल्य देते हैं।
- मानवता की सेवा :
महाशिवरात्रि पर लोग भगवान शिव की पूजा के अलावा मानवता की सेवा में भी लग जाते हैं। ये दिन भी एक उत्सव है जो सामाजिक और आर्थिक समृद्धि में सहयोग करता है।
- अंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति :
महाशिवरात्रि का त्योहार व्यक्ति को उनके मन की शांति और आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करता है। और भगवान शिव का ध्यान और जाप करके व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्तियों को जागृत कर सकता है।
इस प्रकार, महाशिवरात्रि का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Video dekhe:-
Also read : छठ पूजा कब और क्यों मनाया जाता है । Chhath Pooja
Disclaimer: यहां मुहैया करायी गयी सारी जानकारी सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि Anantgyanword.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें धन्यवाद्.
4 thoughts on “Mahashivratri 2024 जाने तिथि, पूजा अनुष्ठान और क्यों मनाया जाता है महाशिवरात्रि”